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अवध बार एसोसिएशन हाई कोर्ट लखनऊ का चुनाव तीन दिन बाद

सभी प्रत्याशी अपने चुनावी गुणा भाग में लगे

प्रत्याशी और समर्थक लाव लश्कर के साथ अपनी अपनी दावेदारी कर रहे पेश

लखनऊ 25 जुलाई ।अवध बार एसोसिएशन हाई कोर्ट लखनऊ का चुनाव प्रचार पूरे चरम पर है मतदान को केवल 3 दिन और शेष है सभी पदों के प्रत्याशी व उनके समर्थक अपनों को अपने पाली में खींचने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं ।बताते चलें कि अवध बार एसोसिएशन हाई कोर्ट लखनऊ के चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद के लिए मुख्य रूप से तीन प्रत्याशीयो की चर्चा हो रही हैं जिसमें श्री ज्योति सिक्का ,पंडित एस चन्द्रा व आईपी सिंह यादव प्रमुख रूप से लड़ाई में नजर आ रहे हैं ग़ौरतलब है कि पंडित चंद्र पिछली बार के रनर रहे हैं और बहुत ही कम वोट से विजई प्रत्याशी से पीछे रहे थे । इस बार हर जाति व वर्ग में पंडित एस चन्द्रा का प्रभाव दिखाई पड़ रहा है पंडित चन्द्रा लगातार लोगों से जनसंपर्क कर अपनी दावेदारी को मजबूत कर रहे हैं तो वहीं ज्योति सिक्का व आई पी सिंह यादव भी अपने-अपने गुणा भाग में लगे हुए हैं और चुनाव जीतने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं । जीत हार का पता तो 29 जुलाई के बाद चलेगा किंतु पिछली कई वर्षों का रिकॉर्ड रहा है कि रनर प्रत्याशी अगर दमदार है तो उसी ने विजय प्राप्त की है पंडित एस चन्द्रा को अपने कुशल व्यवहार ,अपने संबंधों व मेहनत के साथ-साथ रनर होने का भी फायदा मिलता सीधे तौर पर दिखाई पड़ रहा है । बात करें उपाध्यक्ष पद पर तो उपाध्यक्ष (मध्य)पर लड़ तो कई प्रत्याशी रहे हैं लेकिन लोगों के बीच चर्चा आलोक श्रीवास्तव ,राहुल सिंह, विनीत पांडे की ज्यादा हो रही है आलोक श्रीवास्तव को अपने स्वभाव व मेहनत के साथ-साथ रनर होने का भी लाभ मिल रहा है । उपाध्यक्ष (वरिष्ठ) पद पर वैसे तो कई प्रत्याशी मैदान में अपनी- अपनी हुंकार भर रहे हैं किंतु जय हिंद सिंह राठौड़ ,दिलीप कुमार पांडे, दिलीप पांडे और शैलेंद्र शर्मा अटल मुकाबले में सभी लोगों से आगे दिख रहे हैं लोगों का मानना है कि जय हिन्द सिंह राठौड़ का चुनाव संचालन उन्हें जीत की ओर अग्रसर कर सकता है ।महासचिव पद पर कांटे की टक्कर होती हुई दिखाई पड़ रही है आलोक मिश्रा ,ओपी तिवारी दिलीप पांडे और बालकेश्वर श्रीवास्तव लड़ाई में बने हुए हैं ।बालकेश्वर श्रीवास्तव पिछली बार रनर रह चुके हैं जिससे इस चुनाव में उनको अन्य प्रत्याशियों की अपेक्षा बढ़त मिलती हुई प्रतीत हो रही है । संयुक्त सचिव पद पर राम बरन सिंह रैकवार और धर्मेंद्र मिश्रा सीधी लड़ाई में बने हुए दिख रहे हैं ,तो कोषाध्यक्ष पद पर राजेंद्र सिंह, अंगद विश्वकर्मा और आलोक त्रिपाठी आपस में एक दूसरे से आगे निकलने की लिए भी तोड़ मेहनत करते हुए नजर आ रहे हैं।
चुनाव परिणाम चाहे जिसके पक्ष में आए लेकिन सभी पदों के प्रत्याशी अपने लाभ लश्कर के साथ परिणाम अपने पक्ष में करने में जुटे नजर आ रहे है ।

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