शिव हम भी शरणागत हैं
स्वीकार करो तो जाने,
बाबा हम हैं बड़े बेसहारे
हमें दो सहारे तो जाने।
मेरा कोई नहीं है जग में
तुम हाथ पकड़ लो तो जाने
मैं हूं निर्बल मेरे भोले
तुम सबल करो तो जाने।
शिव हम भी शरणागत——
मैं हार गई जीवन से
तुम जीत दिलाओ तो जाने
सबने छला मुझको बाबा
उसे सबक सिखाओ तो जाने ।
शिव हम भी शरणागत—–
मैं पतित बहुत हूं शंभू
पावन कर दो तो जाने
मैं भटक गई हूं राहें
मंजिल को दिलाओ तो जाने ।
शिव हम भी शरणागत——
सबने है मुझे ठुकराया
तुम उर से लगाओ तो जाने
मेरे उर में बहुत है अंधेरा
उजियारा करो तो जाने ।
शिव हम भी शरणागत——
विश्वास छला मेरा सबने
तुम करो यकीं तो जाने
हर रिश्ते ने है लूटा
तुम साथ निभाओ तो जाने।
शिव हम भी शरणागत——-
मेरी सोई किस्मत भोले
तुम उसे जगा दो तो जानें
मेरी खोई हुई प्रतिष्ठा
तुम लौटा दो तो जानें ।
शिव हम भी शरणागत——
मेरा कोई नहीं है जग में
तुम अपना लो तो जाने
याचक बन संजू भी आई
मनवांछित वर दो तो जानें ।
शिव हम भी शरणागत——
इस झूठे जग में कृपालु
पहचान दिलाओ तो जाने
शिव हम भी शरणागत हैं
स्वीकार करो तो जानें ॥ “
डॉ० संजुला सिंह “संजू”
जमशेदपुर (झारखंड )






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