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माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है– श्री कौशल्यानंद वर्धन जी महाराजभागवत कथा के तीसरे दिन भगवान के चौबीस अवतारों के साथ समुंद्र मंथन और भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान सुन भक्ति मे डूबे श्रद्धालु

अलावलपुर, अयोध्या। ग्राम अलावलपुर में श्री रणविजय सिंह पूर्व न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आवास पर श्रीमद्भागवत कथा साताह ज्ञान उत्सव में श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भगवान के चौबीस अवतारों के साथ समुंद्र मंथन और भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। इसमें कथा व्यास कौशल्यानंद वर्धन जी महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया।
इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं ।
महाराज श्री ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा । इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी न•ार रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए । कथा के प्रारंभ में श्री भागवत भगवान के यजमान श्री सीता राम सिंह ,श्री सुरेंद्र सिंह,श्री विजयपाल सिंह और न्यायमूर्ति रणविजय सिंह पूर्व न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा पूजन कर आरती उतारी गई और कथा सहयोगी द्वारा पुष्प कथा के बीच बीच में महाराज श्री ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया।उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।आज की कथा में मुख्य रूप से राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रचारक श्रीमान कौशल जी प्रांत प्रचारक अवध प्रांत,अशोक मेहता अतिरिक्त महाधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद, अभय सिंह विधायक गोसाईगंज,श्री आर पी दुबे भूतपूर्व शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद ,श्री राजेश सिंह अध्यक्ष अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा एवं पेट्रोलियम एसोशिएशन ,शिव वचन सिंह पूर्व ब्लाक प्रमुख पूरा,श्री रघुराज किशोर मिश्र अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद,श्री दिनेश सिंह सचिन पूर्वी उत्तर प्रदेश विद्या भारती, प्रोफेसर डॉ लक्ष्मीकांत सिंह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर प्रचारक सुदीप जी,जिला प्रचारक योगेंद्र जी,दर्शन नगर विस्तारक शिवांशु जी, करियप्पा नगर विस्तारक रजनीश जी, माधव नगर विस्तारक अतुल जी आदि ने कथा रस का पान किया।

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